
भारत के अरुणाचल प्रदेश में विजयनगर के नाम से घाटी में इसे रिटायर्ड सैनिकों के लिए बसाया गया था जहाँ उन्हें सभी सुविधाओं के देने का वादा किया गया था। लेकिन आज यहाँ हालात ऐसे बने हुए हैं कि भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार को हर तरह की समस्याओं से झूझना पड़ रहा है। यहाँ आज जरुरत की छोटी छोटी चीजों को भी लोगों के लिए खरीद पाना मुश्किल हो गया है। बताया जा रहा है कि यहाँ रहने वाले सभी लोग या तो भूतपूर्व सैनिक हैं या फिर उनके परिजन।

नमक हर किसी की जरूरत
नमक हर किसी की जरुरत होती है जिसे अमीर और ग़रीब हर कोई खरीदता है लेकिन यहाँ सैनिको को एक किलो नमक के लिए 150 रूपये चुकाना पड़ रहा है। यहाँ रह रहे असम रायफल्स के भूतपूर्व सैनिक ने सरकार से नमक तेल चीनी और अन्य खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए गुहार लगायी है।
यहाँ रहना है मुश्किल
विजयनगर घाटी में रहने वाले लोगों की एक दिन की औसतन आय करीब 200 रूपये है। अब ऐसे में अगर 150 रूपये और 200 रूपये किलो चीजें खरीदने पड़ें तो फिर लोगों का यहाँ रहना कैसे मुश्किल है। ये बड़ा ही चिंता का विषय बना हुआ है।
स्वास्थ्य समस्या भी बड़ी चुनौती
इतना ही नहीं है कि यहाँ केवल पेट भरने की समस्या है। इसके अलावा यहाँ लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए भी कोई भी व्यवस्था नहीं है। अगर जरुरत पड़ने पर हॉस्पिटल जाना पड़े तो आपको 200 किमी का सफ़र तय करना पड़ेगा। उसके लिए भी आपके पास सिर्फ और सिर्फ वायु मार्ग का ही विकल्प है। ऐसे में व्यक्ति उचित समय पर कैसे उचित इलाज करवा सकता है।
शिक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं
इन सबसे हटके एक जरुरी चीज जिससे धीरे धीरे यहाँ की इन सभी समस्याओं को समाप्त किया जा सकता है वो है शिक्षा की उचित व्यस्था। लेकिन दोस्तो शिक्षा के नाम पर यहाँ कुछ भी नहीं है। एक स्कूल तक की व्यवस्था विजयनगर घाटी के बच्चों के लिए अभी तक नहीं हो पायी है। यहाँ रहने वाले एक स्थानीय व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक स्कूल शुरू किया है। इस स्कूल में बच्चों को पढाई के साथ साथ सामाजिक सेवा के बारे में पढाया जाता है।